🐍 नाग पंचमी 2025: श्रद्धा, पूजा और प्रकृति के प्रति सम्मान का पर्व
नाग पंचमी, हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन पर्व है, जिसे 29 जुलाई 2025 को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। यह दिन नाग देवताओं की पूजा को समर्पित होता है। इस अवसर पर भक्त मंदिरों, बिलों या नाग मूर्तियों को दूध, मिठाई और पुष्प अर्पित करते हैं और सुरक्षा, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
🌿 नाग पंचमी से जुड़ी पौराणिक कथाएँ
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, नागों को दिव्य शक्तियों से युक्त माना गया है और इनका संबंध भगवान शिव, विष्णु और श्रीकृष्ण से है। इस पर्व से जुड़ी सबसे प्रसिद्ध कथा श्रीकृष्ण और कालिया नाग की है, जिसमें भगवान कृष्ण ने विषैले नाग को हराकर यमुना नदी को सुरक्षित बनाया था। इस कारण नाग पंचमी को सत्य की असत्य पर विजय का प्रतीक भी माना जाता है।

🛕 नाग पंचमी कैसे मनाई जाती है?
भारत के विभिन्न हिस्सों में नाग पंचमी की पूजा विधियाँ भिन्न होती हैं:
- महाराष्ट्र और कर्नाटक में सपेरे जीवित नागों को टोकरी में लाकर लाते हैं और लोग उन्हें दूध, हल्दी और फूल अर्पित करते हैं।
- उत्तर भारत में लोग घर की दीवारों पर गाय के गोबर या मिट्टी से नाग देवता की आकृति बनाकर विशेष मंत्रों के साथ पूजा करते हैं।
- इस दिन अनेक भक्त उपवास रखते हैं और नाग मंदिरों में जाकर दर्शन करते हैं।
💫 आध्यात्मिक और पर्यावरणीय महत्व
नाग पंचमी केवल पूजा का पर्व नहीं है, बल्कि यह हमें प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और सां生态 संतुलन की याद दिलाता है। नाग प्राकृतिक कीट नियंत्रक होते हैं और खेतों में चूहों आदि को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। यह त्योहार हमें सिखाता है कि हमें प्रत्येक जीव के प्रति आदर और करुणा रखनी चाहिए, चाहे वह डरावना क्यों न लगे।
🕉️ नाग पंचमी 2025 का पूजा मुहूर्त और तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि की शुरुआत 28 जुलाई 2025 को रात 11:24 बजे होगी और इसका समापन 30 जुलाई 2025 को सुबह 12:46 बजे होगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा 29 जुलाई 2025 को सुबह 5:41 बजे से 8:23 बजे तक।
🎉 निष्कर्ष: आस्था और प्रकृति के बीच संतुलन का दिन
नाग पंचमी श्रद्धा, परंपरा और पर्यावरणीय चेतना का सुंदर संगम है। पौराणिक कथाओं से लेकर ग्रामीण रीति-रिवाजों तक, यह पर्व आध्यात्मिकता और प्रकृति के साथ संबंध को सुदृढ़ करता है।
आइए नाग पंचमी 2025 को कृतज्ञता, संवेदनशीलता और सभी जीवों के प्रति सम्मान के साथ मनाएं।