खुशियों की रिपोर्ट में पिछड़ता भारत: मानसिक स्वास्थ्य का सच
भारत खुशहाली रिपोर्ट में 126वें स्थान पर है। मानसिक स्वास्थ्य को अब भी नज़रअंदाज़ किया जाता है। क्यों? आइए समझते हैं उन वजहों को जो हमें मानसिक स्वास्थ्य से दूर कर देती हैं।
क्या आप स्क्रीन पर ज़्यादा समय बिता कर थक चुके हैं? इस जुलाई डिजिटल डिटॉक्स के आसान और प्रभावी तरीकों से जानें कैसे अपने समय, मन और ऊर्जा को वापस पाएं।
आज की तेज़ रफ्तार दुनिया में जहां सबकुछ "ऑनलाइन" होता है, वहां खुद के लिए समय निकालना एक चुनौती बन गया है। दिनभर की नोटिफिकेशन, सोशल मीडिया, और स्क्रीन पर बिताया गया समय हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
इस जुलाई, खुद को फिर से रीसेट करने का समय है। पेश है आपकी डिजिटल डिटॉक्स गाइड — एक आसान योजना जिससे आप अपने समय पर नियंत्रण पा सकते हैं।
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डिजिटल डिटॉक्स का मतलब यह नहीं कि तकनीक को पूरी तरह छोड़ दें। इसका अर्थ है कि तकनीक का उपयोग हम करें, तकनीक हमें न चलाए।
इस जुलाई, समय को दोबारा अपने पक्ष में करें। सच में जुड़ें, सच में जिएं।
भारत खुशहाली रिपोर्ट में 126वें स्थान पर है। मानसिक स्वास्थ्य को अब भी नज़रअंदाज़ किया जाता है। क्यों? आइए समझते हैं उन वजहों को जो हमें मानसिक स्वास्थ्य से दूर कर देती हैं।
Fun Fact: Out of the 143 countries surveyed, India ranks 126th in the World Happiness Report. Mental health is not a priority for Indians, but why?
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